लखनऊ: योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने इस्तीफे की धमकी दी, CBI जांच की मांग
16/12/2024 9:32 AM Total Views: 11302
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने अपनी राजनीतिक हत्या करने की साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदेश देंगे, तो वह बिना एक सेकंड की देरी के मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। यह विवाद तब बढ़ा जब उन पर आरोप लगे कि उन्होंने प्रदेश के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्रमोशन के जरिए 177 लेक्चरर्स को विभागाध्यक्ष बना दिया, जिससे आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को विभागाध्यक्ष बनने से वंचित कर दिया गया।
सीधी भर्ती के बजाय प्रमोशन से HOD बनाना विवादित: मंत्री आशीष पटेल पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभागाध्यक्ष के पदों के लिए सीधी भर्ती के बजाय कॉलेजों में कार्यरत लेक्चरर्स को प्रमोट कर यह पद सौंपे। इससे आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया। इस निर्णय पर बीजेपी विधायक मीनाक्षी सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की और वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की। मीनाक्षी सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया से हर साल 50 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हो रहा है।
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मंत्री आशीष पटेल का बयान: रविवार रात साढ़े 11 बजे, आशीष पटेल ने X (पूर्व ट्विटर) पर तीन पोस्ट किए, जिनमें उन्होंने इन आरोपों को साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “सभी को पता है कि मुझे बदनाम करने के पीछे कौन है। मैं इन मिथ्या आरोपों से डरने वाला नहीं हूं। हमारा दल वंचितों के हक की लड़ाई से पीछे नहीं हटेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री का आदेश आता है, तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।
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OSD का इस्तीफा और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को शिकायत: सूत्रों के अनुसार, आशीष पटेल के OSD (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) ने भी इस मामले का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया। भाजपा विधायक मीनाक्षी सिंह ने मुख्यमंत्री और SIT को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फैसले से राज्य में वित्तीय अनियमितता हो रही है और इसका गहरा प्रभाव आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों पर पड़ा है।
अपना दल (एस) और योगी सरकार के बीच बढ़ता विवाद: यह विवाद योगी सरकार और अपना दल (एस) के बीच पहले से चल रहे मतभेदों का हिस्सा है। जानकारों का मानना है कि इस टकराव की शुरुआत 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती से हुई थी, जब सरकार की मशीनरी के व्यवहार और चुनाव के दौरान मदद नहीं मिलने को लेकर अपना दल (एस) का नेतृत्व नाराज था। अब यह नया विवाद और भी गहरा हो गया है, जिससे भाजपा और अपना दल (एस) के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है।
इस विवाद ने योगी सरकार के भीतर एक नई राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है, और अब इस मामले पर राज्य और केंद्रीय स्तर पर जांच की संभावना जताई जा रही है।

