लोक निर्माण विभाग में फर्जी अनुभव के सहारे करोड़ों का टेंडर लेने वालों पर मुख्यमंत्री कार्यालय सख्त, जांच के निर्देश
09/04/2025 11:00 PM Total Views: 11221
लखनऊ/गोंडा। लोक निर्माण विभाग (PWD) में आलोक कंस्ट्रक्शन, गोंडा द्वारा फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराने और करोड़ों के कार्यों को अनुचित ढंग से प्राप्त करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मामले में कनक पाठक, लीगल एडवाइज़र एवं जनहित याचिकाकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर शिकायत की गई थी। इस शिकायत में आरोप है कि आलोक कंस्ट्रक्शन ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे विभागीय टेंडर में भाग लिया और उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भुगतान भी प्राप्त किया।
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मुख्यमंत्री कार्यालय हुआ सक्रिय
पहले इस शिकायत को सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता की संलिप्तता से विलोपित कराए जाने का प्रयास हुआ, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए फरवरी 2025 में इस मामले की पुनः सघन जांच के आदेश दिए हैं।
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विभागीय कार्रवाई की शुरुआत
- प्रमुख अभियंता (विकास) ने इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्य अभियंता, देवीपाटन मंडल से आख्या मांगी है।
- मुख्य अभियंता श्री अखिलेश दिवाकर द्वारा दो जांच समितियाँ गठित की गई हैं।
- दोनों समितियों में नव नियुक्त अधीक्षण अभियंता श्री योगेन्द्र सिंह के साथ अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता को शामिल किया गया है।
- एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश।
शालिनी दिक्षित प्रकरण का भी हुआ खुलासा
इसी प्रकार शालिनी दिक्षित (जालौन) द्वारा भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विभाग में पंजीकरण कराए जाने का मामला उजागर हुआ था।
- शालिनी दिक्षित को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है।
- शिकायतकर्ता द्वारा उनके विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करने और कूट रचित दस्तावेजों के प्रयोग पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई है।
ऊपरी दबाव की आशंका?
सूत्रों के अनुसार, इस प्रकरण में लोक निर्माण विभाग के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों की संलिप्तता की भी आशंका जताई गई है, जिसके चलते कार्यवाही रोके जाने की संभावना है।

