PWD मुख्यालय-1 में 20 वर्षों से जमे कंप्यूटर ऑपरेटर पर गंभीर आरोप, देवरिया मामले में पोर्टल को इसी ने किया था अनलॉक
14/05/2025 2:44 AM Total Views: 11230
लखनऊ। PWD मुख्यालय-1 में बीते 20 वर्षों से जमे कंप्यूटर ऑपरेटर विनय शुक्ला एक बार फिर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरते नजर आ रहे हैं। भाजपा के एक मंडल अध्यक्ष द्वारा की गई शिकायत में विनय शुक्ला पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, टेंडरों की हेराफेरी, और ठेकेदारों से मोटी धनराशि वसूलने जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं।
भ्रष्टाचार का अड्डा बना मुख्यालय-1?
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शिकायत में आरोप है कि विनय शुक्ला विभागीय कार्ययोजना में मार्गों की प्राथमिकता बदलवा कर ठेकेदारों से मोटी रकम वसूलते हैं। इतना ही नहीं, प्रहरी पोर्टल के माध्यम से टेंडर मैनेज करने, DSC व यूज़र ID का दुरुपयोग कर शासन को मनमाफिक मांग पत्र भेजने तक के आरोप लगाए गए हैं।
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प्रभावशाली संरक्षण का जाल
शिकायत में दावा किया गया है कि विनय शुक्ला को बड़े A(+) श्रेणी के ठेकेदारों और पूर्व प्रमुख अभियंता संजय श्रीवास्तव का संरक्षण प्राप्त है। संजय श्रीवास्तव वर्तमान में संविदा पर शासन को कार्यों के एस्टिमेट व मांग पत्र भेजने के लिए तैनात हैं और उन्हीं के साथ विनय शुक्ला की गहरी सांठगांठ की बात सामने आ रही है।
मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल
जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति की बात करते हैं, वहीं विनय शुक्ला जैसे कर्मचारी इस नीति को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं।
प्रशासन से बड़े सवाल
- क्या विश्वकर्मा सॉफ़्टवेयर पोर्टल पर वर्ष 2016 के बाद किसी मार्ग की अवशेष धनराशि को अनलॉक करने का अधिकार किसी कंप्यूटर ऑपरेटर को है?
- मार्ग कार्यों पर परिवर्तन और छेड़छाड़ की अनुमति किसे दी गई है?
- आखिर मुख्यालय-1 में मार्ग कार्यों का नोडल अधिकारी कौन है और वह जवाबदेही से क्यों बच रहा है?
PWD मुख्यालय में गहराता यह मामला अब बड़े प्रशासनिक फेरबदल और उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहा है। भाजपा मंडल अध्यक्ष की शिकायत के बाद अब देखना यह होगा कि शासन इन गंभीर आरोपों पर क्या कार्रवाई करता है।

