PWD में मुख्य अभियंता आरएन सिंह के खिलाफ साजिश रचने वाले गैंग का खुलासा, शक की सुई एक प्रतिबंधित व्यक्ति पर
02/06/2025 8:31 AM Total Views: 11216
लखनऊ। (PWD) के मुख्य अभियंता (लेवल-1) आरएन सिंह के खिलाफ साजिश का पर्दाफाश हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में मंत्री मायकेश्वर सिंह के लेटरहेड पर मुख्यमंत्री को संबोधित एक शिकायती पत्र भेजा गया, जिसमें आरएन सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस पत्र में न तो किसी प्रकार का साक्ष्य संलग्न था और न ही शिकायतकर्ता का नाम या हस्ताक्षर।
जांच में यह बात सामने आई है कि इस पूरे शिकायती प्रकरण के पीछे एक ही व्यक्ति सक्रिय है, जो व्यक्तिगत द्वेष के चलते आरएन सिंह की छवि को धूमिल करने की साजिश रच रहा है। पत्र का गहन विश्लेषण करने पर स्पष्ट हुआ कि आरएन सिंह ने अपने कार्यकाल में कोई भी मनमानी नहीं की, बल्कि सभी निर्णय विभागीय उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार लिए।
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पत्र पर उठे सवाल
विवादित पत्र में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि शिकायत किस व्यक्ति ने की है और न ही किसी भी प्रकार का प्रत्यक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है। ऐसे में मंत्री और विधायक द्वारा बिना ठोस आधार के शिकायत पत्र भेजना कई सवाल खड़े करता है।
कौन हैं आरएन सिंह?
आरएन सिंह वर्तमान में PWD के मुख्य अभियंता (लेवल-1) के पद पर कार्यरत हैं। इससे पूर्व वे मुख्यालय-2 के प्रभारी थे, जहाँ उन्होंने मुख्यालय में अनधिकृत प्रवेश रोकने के लिए सख्त बैरिकेडिंग व्यवस्था और पास सिस्टम लागू किया था। उनके स्थानांतरण के बाद यह व्यवस्था ठप पड़ गई। अपने कड़े अनुशासन और विभागीय नियमों की गहरी समझ के कारण वे चर्चित रहे हैं।
क्यों हुई शिकायत?
सूत्रों के अनुसार, आरएन सिंह द्वारा लागू की गई सख्ती के चलते विभाग में सक्रिय एक दलाल को दिक्कत होने लगी। इसी नाराजगी में उक्त व्यक्ति ने विधायक और मंत्री के माध्यम से शिकायत पत्र भिजवाने की साजिश रची।
बताया जा रहा है कि आरएन सिंह विभाग में सबसे वरिष्ठ अभियंताओं में शामिल हैं और वर्तमान में यूपी आरएनए के एमडी के लिए सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसी पदोन्नति को रोकने की नीयत से यह पूरा खेल रचा गया।
विभागीय सूत्रों की माने तो…
आरएन सिंह की ईमानदार और तेज़-तर्रार कार्यशैली के कारण विभाग के कुछ अधिकारी भी उनके खिलाफ असहज महसूस करते हैं। लेकिन अब जब यह स्पष्ट हो गया है कि शिकायतों के पीछे कोई ठोस आधार नहीं है, तो यह मामला एक गहरी साजिश का संकेत देता है, जिसे उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है। इन शिकायतों से अराजक तत्व विभाग की छवि धूमिल करना चाहते हैं।

