सीएम योगी के आदेश से हटे PWD के बाबू को लखनऊ लाने की भाजपा विधायक रामप्रताप ने की सिफारिश, विरोध में उन्नाव विधायक अनिल सिंह ने मोर्चा खोला
07/06/2025 11:57 PM Total Views: 11153
लखनऊ। लोक निर्माण विभाग में प्रधान सहायक के पद पर तैनात रहे बीरेंद्र कुमार यादव का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर भ्रष्टाचार, गंभीर आरोपों और लंबी तैनाती के कारण जिन्हें हाल ही में आजमगढ़ ट्रांसफर किया गया था, उनके पुनः लखनऊ स्थानांतरण की सिफारिश बलरामपुर के विधायक राम प्रताप उर्फ शशिकांत वर्मा ने की है।
विधायक वर्मा ने अपने पत्र में बीरेंद्र कुमार को लखनऊ अथवा गोंडा में तैनाती देने की मांग की है।
ताजा खबरों को देखने के लिए , यहाँ क्लिक करके हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें
उन्नाव विधायक अनिल सिंह ने सीएम को लिखा पत्र
Read Also This:
लेकिन इसी ट्रांसफर के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद किया है उन्नाव के विधायक अनिल सिंह ने। उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि बीरेंद्र कुमार पर न केवल आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और भ्रष्टाचार के आरोप हैं, बल्कि उन पर अनुसूचित जाति की महिला संगठन पदाधिकारी कुमारी ऊषा गौतम के साथ दुष्कर्म व हत्या जैसे गंभीर आरोपों की जांच भी चल रही है।
विधायक अनिल सिंह ने पत्र में लिखा है कि यह मामला पुलिस महानिदेशक कार्यालय में जांचाधीन है और यदि इस बीच बीरेंद्र कुमार को पुनः मुख्यालय लखनऊ में तैनात किया गया, तो यह न सिर्फ मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना होगी बल्कि चल रही जांचों पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा।
स्थानांतरण नीति का दिया हवाला
विधायक अनिल सिंह ने स्थानांतरण नीति का हवाला देते हुए कहा कि नवंबर 2024 में ही उन्हें हटाया गया था, और किसी भी कर्मचारी को एक ही मण्डल में कम से कम तीन वर्ष कार्यरत रहना आवश्यक है।
मुख्यालय के अफसरों पर मिली भगत का आरोप
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लखनऊ मुख्यालय के कुछ अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से बीरेंद्र यादव को दोबारा लाने की साजिश रची जा रही है। इस पूरे घटनाक्रम की प्रतियां मुख्यमंत्री के साथ ही प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग व प्रमुख अभियंता को भी भेजी गई हैं।
विभागाध्यक्ष ने सीएम के आदेश की अवहेलना
विभागाध्यक्ष मुकेश चंद्र शर्मा ने विधायक राम प्रताप के पत्र को अग्रसारित करते हुए सीएम के आदेश को चुनौती दे दिया है। उधर मुख्यमंत्री कार्यालय इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है। सीएम ऑफिस के एक अफसर के मुताबिक यदि कोई भी स्थानांतरण अनियमित हुआ तो जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कारवाई होगी।

