महाकुंभ में तय होगा- नरेंद्र मोदी के बाद कौन? 2025 में योगी आदित्यनाथ को प्रोजेक्ट करने की तैयारी
15/12/2024 11:49 PM Total Views: 11178
प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में अगले प्रधानमंत्री पद के संभावित चेहरे को लेकर चर्चा तेज हो सकती है। आरएसएस के प्रांत स्तर के एक पदाधिकारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि महाकुंभ के मंच का इस्तेमाल पार्टी के भविष्य के नेता को प्रोजेक्ट करने के लिए किया जा सकता है।
2013 में मोदी पर मुहर, 2025 में योगी पर चर्चा
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2013 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुए महाकुंभ में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए तैयार करने का मन बनाया था। इसी तरह, 2025 में योगी आदित्यनाथ को प्रोजेक्ट करने की संभावनाओं पर मंथन हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ के नाम पर संघ और बीजेपी दोनों में सहमति बनती दिख रही है। हालांकि, आधिकारिक घोषणा लोकसभा चुनाव से पहले ही की जाएगी, लेकिन उन्हें भविष्य के नेता के रूप में स्थापित करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
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आरएसएस ने दिए संकेत, योगी आदित्यनाथ हैं भविष्य के नेता
योगी आदित्यनाथ वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के सबसे प्रभावशाली और लोकप्रिय नेताओं में से एक माने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में उनकी भूमिका लगातार बढ़ रही है।
योगी आदित्यनाथ का प्रभाव उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है। उन्होंने राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में भी चुनावी रैलियां की हैं। उनके भाषणों और नारों ने जनता के बीच गहरी छाप छोड़ी है।
महाराष्ट्र में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे का असर
2023 में महाराष्ट्र के विधानसभा उपचुनावों में योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे ने खासा असर डाला। उन्होंने 11 चुनावी रैलियां कीं और जिन 17 उम्मीदवारों के लिए उन्होंने प्रचार किया, उनमें से 15 ने जीत हासिल की। यही नारा उन्होंने उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में भी इस्तेमाल किया, जहां पार्टी ने सफलता हासिल की।
संघ और बीजेपी की रणनीति
महाकुंभ 2025 भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनने वाला है। आरएसएस और बीजेपी इस मंच का उपयोग अपने दीर्घकालिक नेतृत्व को स्थापित करने के लिए कर सकते हैं। योगी आदित्यनाथ को एक राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित करने की रणनीति में यह एक अहम कदम हो सकता है।
संघ के सूत्रों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ के नाम पर न केवल पार्टी के भीतर बल्कि आम जनता के बीच भी सहमति बन रही है। उनके नेतृत्व, भाषण शैली और निर्णय क्षमता ने उन्हें नरेंद्र मोदी के बाद पार्टी का सबसे मजबूत चेहरा बना दिया है।
लोकसभा चुनाव की रणनीति
हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही पार्टी का चेहरा होंगे, लेकिन 2025 का महाकुंभ पार्टी के भविष्य के नेतृत्व को लेकर दिशा तय करने का संकेत दे सकता है। योगी आदित्यनाथ को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट करने की योजना उनके अब तक के प्रदर्शन और पार्टी के विस्तार में उनकी भूमिका के आधार पर बनाई जा रही है।
महाकुंभ 2025 केवल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारतीय राजनीति में भी इसकी अहम भूमिका हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे बीजेपी और आरएसएस इस मंच का उपयोग करते हुए योगी आदित्यनाथ को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।

