News Nation Today

Latest Online Breaking News

मुख्यमंत्री योगी के विभाग में भ्रष्टाचारी बाबू को बचा रहे अफसर, तीन सदस्य जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई की बजाय अड़ंगा लगा रहे हैं शासन के अधिकारी

Watermark

WhatsApp Icon

23/12/2024 11:56 PM Total Views: 11162

  • मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी नीति पर अफसर लगा रहे पलीता
  • भ्रष्ट बाबुओं के ट्रांसफर में अड़चनें, सत्ता पक्ष के विधायक की शिकायत पर PWD के प्रमुख सचिव ने कराई थी जांच
  • तीन सदस्यीय टीम की जांच में सही पाया गया आरोप
  • अति गंभीर मामले में तीन माह से नाच रही फाइल
  • आरोपियों को बचा रहे सचिव और विशेष सचिव स्तर के अफसर

उन्नाव के पुरवा से भाजपा विधायक अनिल सिंह ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मुख्यालय में पिछले दो दशकों से मलाईदार सीटों पर जमे भ्रष्ट बाबुओं के ट्रांसफर और कारवाई को लेकर मुख्यमंत्री योगी से शिकायत की थी। विधायक ने बीते चार महीने में कई पत्र लिखकर इन बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जांच में आरोप भी साबित हो गए। पर हास्यास्पद है कि मुख्यमंत्री योगी के पास विभाग होने के बाद भी भ्रष्टाचारी और रेपिस्ट बाबुओं को एक सेक्सन अफसर के साथ सचिव और विशेष सचिव बचा रहे हैं। एक मुख्यमंत्री कार्यालय के एक विशेष सचिव ने फाइल में अड़ंगा लगाते हुए आपत्ति लगा दी है।

मामले की जानकारी सूत्र के द्वारा विधायक अनिल सिंह को होने पर उन्होंने नाराजगी जताई है। उन्होंने इस पूरे मामले को मुख्यमंत्री से बताने के साथ भ्रष्टाचारी बाबुओं को बचा रहे अफसरों की शिकायत करने की बात कही है। उन्होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री से मिलने की बात कही।

ताजा खबरों को देखने के लिए , यहाँ क्लिक करके हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें

क्या है मामला?

Read Our Photo Story
यहाँ क्लिक करके हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में वर्षों से एक ही पटल पर जमे बाबुओं पर भ्रष्टाचार और अनुसूचित जाति की महिला अधिकारी के साथ बलात्कार और हत्या का गंभीर आरोप है।

प्रमुख अभियंता द्वारा कराई गई जांच में इन बाबुओं को दोषी पाया गया और उन्हें अन्य मंडलों में ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई।बावजूद इसके, कार्रवाई लगातार बाधित हो रही है।

जानबूझकर फाइल में लगा रहे अड़ंगा 

1. गुमराह करने वाला प्रस्ताव:
लोक निर्माण विभाग के अनु सचिव अभिषेक गंगवार पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर जाँच रिपोर्ट में आपत्ति लगाई और फाइल को वापस भेजा। यही नहीं मंत्री के अनुमोदन के बाद भी फाइल को मुख्यमंत्री कार्यालय को गलत प्रस्ताव  बनाकर भेजा।

2. प्रमुख सचिव का हस्तक्षेप:
प्रमुख सचिव अजय चौहान के हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से गलत प्रस्ताव वापस मंगाया गया।

3. तीसरी बार भी अड़चन:
सूत्रों के मुताबिक अब तीसरी बार विशेष सचिव ने भ्रष्ट बाबुओं के ट्रांसफर के प्रस्ताव को निरस्त कराने की कोशिश के तहत आपत्ति लगाई है।

विधायक का आरोप

विधायक अनिल सिंह ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को अफसर पलीता लगा रहे हैं। जब तक इन भ्रष्ट बाबुओं का ट्रांसफर नहीं होता, मैं मुख्यमंत्री और विभागीय प्रमुख सचिव को पत्र लिखता रहूंगा।”

जिम्मेदारों पर सवाल

अनु सचिव अभिषेक गंगवार, जो पटल ट्रांसफर के अनुभाग अधिकारी का कार्य भी संभाल रहे हैं, पर बाबुओं से साठगांठ के आरोप हैं।

अब भ्रष्ट बाबू और उनके समर्थक मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्ताव को निरस्त कराने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

मुख्यमंत्री की सख्त नीति के बावजूद अफसरों का सह और भ्रष्टाचार सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। विधायक अनिल सिंह ने इस मामले में सख्त कार्रवाई और दोषी बाबुओं के तत्काल ट्रांसफर की मांग की है। मामला अब मुख्यमंत्री कार्यालय के लिए चुनौती बन गया है।

 


लाइव कैलेंडर

June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30