मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेप, हत्या और भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे पीडब्ल्यूडी बाबुओं पर की कार्रवाई
27/12/2024 11:41 PM Total Views: 11200
- 20 साल से एक ही पटल पर जमे बाबू का मुख्यमंत्री ने किया मंडल बाहर स्थानांतरण
- पुलवामा राहत कोष और कोविड राहत फंड के नाम पर निजी खाते में कराया जमा, इसकी भी जांच शुरू
- आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच सतर्कता विभाग ने शुरू किया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में भ्रष्टाचार, रेप और हत्या जैसे गंभीर आरोपों में फंसे बाबुओं पर सख्त कार्रवाई की है। यह कदम उन्नाव के पुरवा से भाजपा विधायक अनिल सिंह की शिकायत के बाद उठाया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इन बाबुओं को तत्काल प्रभाव से मंडल से बाहर स्थानांतरित करने और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
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उन्नाव के विधायक अनिल सिंह ने पीडब्ल्यूडी में कार्यरत प्रधान लिपिक बीरेंद्र यादव, वीरेंद्र कुमार यादव और ओमप्रकाश समेत दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर शिकायत की थी।
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इन बाबुओं पर 20 साल से एक ही पटल पर जमे रहने का आरोप है।इनके ऊपर दलित महिला और संगठन पदाधिकारी उषा गौतम के साथ रेप और हत्या का भी गंभीर आरोप है।यह शिकायत पीडब्ल्यूडी वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भारत सिंह यादव द्वारा भी की गई थी।
जांच और कार्रवाई
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग अजय चौहान ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर मामले की जांच कराई। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद, राज्य मंत्री से अनुमोदन लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को कार्रवाई की।
स्थानांतरण:
सभी आरोपित बाबुओं को मंडल से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया।
विभागीय जांच:
आरोपियों के खिलाफ विस्तृत विभागीय जांच का आदेश दिया गया है।
कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी हैं आरोपी
इन बाबुओं में से तीन अलग-अलग कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी हैं। इनके प्रभाव के चलते यह कर्मचारी दो दशकों तक एक ही पटल पर कार्यरत रहे, जिससे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को बढ़ावा मिला।
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शासन में पारदर्शिता और कानून का राज स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।सरकार का यह कदम न केवल प्रशासनिक सुधार का संकेत है बल्कि पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में भी अहम साबित होगा।

