PWD में नियमों की अनदेखी! श्रवण झा के ज़रिए ‘ई-ऑफिस’ प्रक्रिया में हस्तक्षेप, कर्मचारी संघों में आक्रोश
17/05/2025 8:58 AM Total Views: 11255
लोक निर्माण विभाग (PWD) में ई-ऑफिस की पारदर्शी प्रणाली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। श्रवण झा, शिविर सहायक, पर आरोप है कि वह नियमों को ताक पर रखकर ऊँची पकड़ और प्रमुख अभियंताओं की शह पर मनमाने और विवादित आदेश कराते आ रहे हैं। इससे विभागीय स्टेनो संघ व अन्य कर्मचारी संघों के कार्मिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रमुख आरोप इस प्रकार हैं:
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बिना अधिष्ठान कार्यालय की स्वीकृति और नियमों की अनुपालना के, श्रवण झा अपने लिए संबद्धीकरण व आदेश जारी करवा रहे हैं।
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ई-ऑफिस प्रणाली, जिसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए संपूर्ण पत्राचार और ब्रीफ नोट कंप्यूटर के माध्यम से उच्चाधिकारियों को भेजा जाता है, उसका दुरुपयोग किया जा रहा है।
संघों का आरोप है कि श्रवण झा ने ई-ऑफिस की प्रणाली में सेंध लगाकर, भ्रष्टाचार की मंशा से आदेश पारित कराए।
एक ही डिस्पैच नंबर व एक ही तारीख़ पर दो अलग-अलग आदेशों का निर्गमन – ये सिर्फ़ लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित हस्तक्षेप की ओर इशारा करता है।
कर्मचारी संघों की नाराज़गी:
स्टेनो संघों ने सवाल उठाया है कि जब विभाग में नियमित स्टेनो उपलब्ध हैं, तो फिर श्रवण झा जैसे शिविर सहायक को क्यों बार-बार आदेश कराने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है?
विभागाध्यक्ष अब तक नियमित स्टेनो की तैनाती से बचते आ रहे हैं, जो संघों के अनुसार जानबूझकर की जा रही अनदेखी है।
मांग और चेतावनी:
कर्मचारी संगठनों ने विभाग से तत्काल उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
साथ ही, नियमित प्रक्रिया के तहत स्टेनो की तैनाती, और श्रवण झा द्वारा कराए गए सभी आदेशों की समीक्षा की मांग की गई है।
ई-ऑफिस की प्रणाली को पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए अपनाया गया था, लेकिन यदि इसमें व्यक्ति विशेष की पहुँच और प्रभाव के कारण लगातार हस्तक्षेप हो रहा है, तो यह पीडब्ल्यूडी जैसे संवेदनशील विभाग के लिए चेतावनी की घंटी है। कर्मचारी संघों की बातों को नज़रअंदाज़ करना, विभागीय व्यवस्था और विश्वास को भारी नुकसान पहुँचा सकता है।

