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6 करोड़ की सड़क घोटाले के मुख्य जिम्मेदारों को आखिर कौन बचा रहा, देवरिया में भ्रष्टाचारियों को बचाने में जुटा शासन, एक्सियन पर कार्रवाई से परहेज

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18/05/2025 10:40 PM Total Views: 11243

  • मुख्य आरोपी एक्सियन अनिल जाटव के पास दो दो चार्ज से उठ रहे सवाल

देवरिया में लोक निर्माण विभाग (PWD) के अंतर्गत 6 करोड़ 8 लाख की लागत से बनी सड़क को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। जांच के बाद कुछ छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई की गई, लेकिन जिस तरह से चीफ इंजीनियर और मुख्यालय के बड़े अफसरों को बचाया गया है, उसने शासन की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, जिन अधिकारियों के डोंगल से भुगतान निकाला गया, उनमें एक्शन अनिल जाटव, डीके अहिरवार, गोरखपुर मंडल के चीफ इंजीनियर राकेश वर्मा, मुख्यालय के एक्शन केशव लाल और मुख्य अभियंता अनिल कुमार द्विवेदी जैसे नाम शामिल हैं। बावजूद इसके इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

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विभाग में चर्चा है कि शासन ने इन प्रभावशाली अधिकारियों को बचाकर, निचले स्तर के अधिकारियों को बलि का बकरा बना दिया है। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब इन अफसरों की भूमिका डोंगल लॉग से स्पष्ट है, तो फिर इनपर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘जीरो टॉलरेंस’ की उड़ रही धज्जियां

यह मामला केवल देवरिया तक सीमित नहीं है, बल्कि गोरखपुर मंडल से लेकर लखनऊ मुख्यालय तक हलचल मचा चुका है। लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस विभाग के मुखिया हैं, ऐसे में इतने बड़े घोटाले के बावजूद जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई न होना ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को मजाक बना रहा है।

डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने भी उठाई आवाज

डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने साफ कहा है कि जिन अधिकारियों के डोंगल से भुगतान हुआ, वही असली दोषी हैं। उन्होंने कहा कि छोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर, शासन ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया है। संघ की मांग है कि अनिल जाटव, डीके अहिरवार, केशव लाल और अनिल कुमार द्विवेदी जैसे बड़े अफसरों पर सख्त कार्रवाई हो।

अब आम चर्चा है कि इन अफसरों को बचाने में किसकी मेहरबानी है?

यह मामला केवल भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि प्रशासनिक पक्षपात और लीपापोती का बड़ा उदाहरण बन गया है। जब तक दोषियों पर समान रूप से कार्रवाई नहीं होती, तब तक आम जनता का सरकार पर से भरोसा टूटता रहेगा।

लोगों का सवाल है कि क्या योगी सरकार सख्त कदम उठाएगी या फिर ये मामला भी दबा दिया जाएगा।

इस संबंध में जांच अधिकारी हेमराज सिंह ने बताया कि मैंने तो सभी जिम्मेदारों पर कार्रवाई के लिए संस्तुति किया था। पर शासन से क्यों नहीं कार्रवाई हुई ये वो जानें।

 

 

 

 


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