देवरिया में फर्जी डिग्री से नियुक्त शिक्षकों की बहाली पर उठे सवाल
23/05/2025 12:42 PM Total Views: 11184
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की बहाली को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। एसटीएफ द्वारा जांच के बाद 87 से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था। जिन पर फर्जी प्रमाणपत्रों के माध्यम से नौकरी हासिल करने का आरोप था। इन शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और 25 करोड़ रुपये से अधिक की रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू की गई थी ।
हालांकि, हाल ही में कुछ बर्खास्त शिक्षक कथित रूप से फर्जी हाईकोर्ट और शासनादेशों का सहारा लेकर पुनः बहाल हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, बेसिक शिक्षा कार्यालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह प्रक्रिया संभव हुई है। इस मामले की जानकारी महानिदेशक स्कूली शिक्षा को भी दी गई है, जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है।
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विशेष रूप से, अग्रसेन लघु माध्यमिक विद्यालय शाहपुर पुरानी और सरोड़ा विषयक विद्यालयों में 17 ऐसे शिक्षक पाए गए थे, जिनकी डिग्रियाँ फर्जी थीं। तत्कालीन कमिश्नर पीके महंती की जांच में इन शिक्षकों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ रिकवरी का आदेश दिया गया था। बावजूद इसके, बाद में इन्हें पुनः नियुक्त कर दिया गया, जो विभागीय प्रक्रियाओं पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
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बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बीएसए से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है । विभागीय सूत्रों के अनुसार, अभी भी कई शिक्षकों की जांच चल रही है, और फर्जी डिग्री के आधार पर नियुक्ति पाने वाले अन्य शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है।
इस पूरे प्रकरण ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला प्रदेश भर में शिक्षा व्यवस्था की साख को प्रभावित कर सकता है।

