देवरिया PWD कार्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप, भाजपा नेता की मांग पर जांच शुरु

25/05/2025 9:41 AM Total Views: 11160
- लीपापोती में जुटे अधिकारी
देवरिया। प्रान्तीय खण्ड, लोक निर्माण विभाग (PWD), देवरिया में वर्षों से एक ही पटल पर जमे चार लिपिकों पर भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़ा एवं अकूत संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष आशुतोष मिश्रा द्वारा मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन को भेजी गई शिकायत में लगाए गए हैं।
शिकायत में कहा गया है कि लिपिकों में अशोक कुमार, वीरेन्द्र सिंह, रितेश कुमार श्रीवास्तव एवं रमाकान्त यादव – ने लगातार पंद्रह वर्षों से एक ही पटल पर कार्य करते हुए फर्जी कार्यों के जरिये अवैध संपत्ति अर्जित की है। शिकायत में एक प्रमुख मामला भी उल्लेखित है जिसमें अशोक कुमार द्वारा पैसा लेकर श्रीमती मिथिलेश सिंह को फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र जारी किया गया।
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इस प्रकरण में अधीक्षण अभियंता, देवरिया वृत्त ने अधिशासी अभियंता से दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु तीन दिन में रिपोर्ट माँगी थी, किन्तु अधिशासी अभियंता अनिल कुमार द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया। इसके बाद पुनः 1 फरवरी 2025 को अधीक्षण अभियंता द्वारा नामों की संस्तुति सहित विवरण भेजने व विलम्ब पर स्पष्टीकरण माँगा गया, किन्तु वह भी अनुपालन में नहीं आया।
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शिकायतकर्ता का आरोप है कि अधिशासी अभियंता न केवल दोषियों को संरक्षण दे रहे हैं, बल्कि अपने आवास से ही कार्यालय संचालित करते हैं, जिससे जनता को भारी कठिनाई होती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उक्त लिपिकों को ‘व्यवस्थापन ग वर्ग’ के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्य अभियंता, गोरखपुर क्षेत्र, लोक निर्माण विभाग ने अधीक्षण अभियंता देवरिया को पत्र जारी कर शिकायती बिंदुओं पर टेबलर फॉर्म में जाँच आख्या शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। वहीं प्रमुख अभियंता, लखनऊ द्वारा चारों लिपिकों का अद्यतन सेवा विवरण मानव सम्पदा पोर्टल पर उपलब्ध कराने का आदेश भी जारी किया गया है।
- मुख्यालय स्थित स्टाफ अफसर मेघ प्रकाश ने भी इस मामले में तत्काल रिपोर्ट मांगी है। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि दोषियों का स्थानांतरण मण्डल से बाहर किया जाए एवं उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जाँच करायी जाए।

